"इस उड़ान पर अब शर्मिंदा मैं भी हूँ और तू भी है
आसमान से गिरा परिंदा मैं भी हूँ और तू भी है
छूट गई रस्ते में जीने मरने की सारी कसमें
अपने -अपने हाल में ज़िंदा मैं भी हूँ और तू भी है…!!!"
"बदलने को तो इन आखोँ के मंज़र कम नहीं बदले ,
तुम्हारी याद के मौसम,हमारे ग़म नहीं बदले ,
तुम अगले जन्म में हम से मिलोगी,तब तो मानोगी ,
ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले......."
करवा चौथ
"चाँद को इतना तो मालूम है तू प्यासी है,
तू भी अब उस के निकलने का इंतजार ना कर ,
भूख गर जब्त से बाहर है तो कैसा रोज़ा ?
इन गवाहों की ज़रूरत पे मुझे प्यार ना कर ..."
बहुत टूटा बहुत बिखरा थपेड़े सह नहीं पाया
हवाओं के इशारों पर मगर मैं बह नहीं पाया
रहा है अनसुना और अनकहा ही प्यार का किस्सा
कभी तुम सुन नहीं पायी कभी मैं कह नहीं पाया||
आसमान से गिरा परिंदा मैं भी हूँ और तू भी है
छूट गई रस्ते में जीने मरने की सारी कसमें
अपने -अपने हाल में ज़िंदा मैं भी हूँ और तू भी है…!!!"
"बदलने को तो इन आखोँ के मंज़र कम नहीं बदले ,
तुम्हारी याद के मौसम,हमारे ग़म नहीं बदले ,
तुम अगले जन्म में हम से मिलोगी,तब तो मानोगी ,
ज़माने और सदी की इस बदल में हम नहीं बदले......."
करवा चौथ
"चाँद को इतना तो मालूम है तू प्यासी है,
तू भी अब उस के निकलने का इंतजार ना कर ,
भूख गर जब्त से बाहर है तो कैसा रोज़ा ?
इन गवाहों की ज़रूरत पे मुझे प्यार ना कर ..."
बहुत टूटा बहुत बिखरा थपेड़े सह नहीं पाया
हवाओं के इशारों पर मगर मैं बह नहीं पाया
रहा है अनसुना और अनकहा ही प्यार का किस्सा
कभी तुम सुन नहीं पायी कभी मैं कह नहीं पाया||