Sunday, January 20, 2013

डॉ कुमार विश्वास की कुछ रचनाएँ


"जो लड़-रहे हैं खून-पसीना बहा के रोज़,
उन के लिए ख़ुशी नहीं गम भी मज़े में हैं ,
सब का सुकून-चैन मुबारक हो आज से ,
दुनिया मज़े में हैं तों अब हम भी मज़े में हैं...."



मेरे हुजरे में नहीं और कहीं पर रख दो ,
आस्मां लाये हो ले आओ ज़मीं पर रख दो
अब कहाँ ढूंढने जाओगे हमारे कातिल
आप तो क़त्ल का इल्ज़ाम हमीं पर रख दो 



"हमें इकरार करना चाहिए था 

मुकम्मल प्यार करना चाहिए था 

ये सोचा था कि मर जायेंगे तुम बिन 

जो सोचा था तो मरना चाहिए था....!"



"जो धरती से अम्बर जोड़े ,उसका नाम जवानी है ,

जो शीशे से पत्थर तोड़े , उसका नाम जवानी है , 

कतरा-कतरा सागर तक तो , जाती है हर उम्र मगर,

बहता दरिया वापस मोड़े, उसका नाम जवानी है......!"




"गीता का ज्ञान सुनें ना सुनें, 

इस धरती का यशगान सुनें ,

हम सबद कीर्तन सुन ना सकें, 

भारत मां का गुणगान सुने ,

परवरदिगार मैं तेरे द्वार पर ले पुकार ये कहता हूं ,

चाहे अज़ान ना सुनें कान, 

पर जय जय हिन्दुस्तान सुनें…!



                                       - डॉ कुमार विश्वास 

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